अपराजिता

अपराजिता’ केवल एक वार्षिक पत्रिका नहीं, बल्कि यह हमारे महाविद्यालय की बौद्धिक चेतना, सृजनात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक जीवंतता का साक्षात रूप है। यह उन स्वप्नद्रष्टा विद्यार्थियों और शिक्षकों की सामूहिक भावनाओं, विचारों और कल्पनाशीलता का दस्तावेज़ है, जो शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखकर जीवन के व्यापक आयामों से जोड़ते हैं।

यह पत्रिका हमारे महाविद्यालय के शैक्षिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रयासों की सारगर्भित अभिव्यक्ति है। इसमें केवल सूचनाएँ नहीं, बल्कि वह जीवन्त विचारधारा संजोई गई है जो छात्रों को विचारशील बनाती है, शिक्षकों को संवाद का माध्यम देती है, और पाठकों के भीतर ज्ञान और विवेक के बीज बोती है

‘अपराजिता’ सचमुच में केवल काग़ज़ के कुछ पन्नों का संकलन नहीं, बल्कि यह महाविद्यालय के हृदय की धड़कन, उसकी आत्मिक अभिव्यक्ति और उसकी बौद्धिक आत्मा का सजीव दस्तावेज़ है। यह उन विद्यार्थियों की आवाज़ है जिनके मन में ज्ञान की प्यास, हृदय में सृजन की उमंग, और मस्तिष्क में विचारों की लहरें उमड़ती रहती हैं।

शब्दों में जीवन, रचनाओं में संस्कृति

इस पत्रिका में प्रकाशित प्रत्येक लेख, कविता, कहानी या कलाकृति न केवल व्यक्तिगत प्रतिभा की अभिव्यक्ति है, बल्कि यह महाविद्यालय की अकादमिक और सांस्कृतिक पहचान की वाहक भी है। जिस प्रकार कोई चित्र अपने युग की गाथा कहता है, उसी प्रकार ‘अपराजिता’ भी साल भर की रचनात्मक हलचलों, आयोजनों और चिंतन की झलक देती है।

यह पत्रिका ज्ञान की शांत सरिता की तरह है, जो बिना रुके विचारों की भूमि को सिंचित करती है और विद्यार्थियों में लेखन, सम्पादन और सहकार्य जैसी अद्वितीय क्षमताओं को विकसित करती है।


 

मूलभूत जानकारी 

स्थापना वर्ष (प्रिंट संस्करण) 

 

स्थापना वर्ष (ऑनलाइन  संस्करण) 

1972

 

2025

स्वरूप (Form)

अंतरविषयी (Interdisciplinary)
कला, मानविकी, विज्ञान एवं वाणिज्य के विविध विषयों पर आधारित महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका

आवृत्ति (Frequency)

वार्षिक (Annual)

भाषा (Language)

हिंदी एवं अंग्रेज़ी (Bilingual Journal)

विषय क्षेत्र (Subject Domains)

(कला, मानविकी, विज्ञान एवं वाणिज्य का अंतरविषयी संकलन)

 

🎓 हिंदी
📚 अंग्रेज़ी
🕉️ संस्कृत
🌍 भूगोल
🏛️ राजनीति विज्ञान
👥 समाजशास्त्र
📜 इतिहास
🧠 मनोविज्ञान
🛡️ सैन्य विज्ञान
📈 अर्थशास्त्र
🏡 गृह विज्ञान
🔢 गणित
⚛️ भौतिकी
🧪 रसायन विज्ञान
🦠 जंतु विज्ञान
🌿 वनस्पति विज्ञान
💼 वाणिज्य
🎓 शिक्षा शास्त्र

प्रकाशक (Publisher)

श्री महंथ रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भुड़कुड़ा, गाज़ीपुर, उ०प्र०

ग्राम+पोस्ट : भुड़कुड़ा

जिला: गाजीपुर 

पिन : 275203

उत्तर प्रदेश 

प्रकाशन माह (Publication Month)

सितम्बर (September)

प्रधान संपादक (Chief Editor):

प्रो. प्रकाश चंद्र पटेल, विभागाध्यक्ष – हिंदी, वास्ते श्री  महंथ रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भुड़कुड़ा, गाज़ीपुर, पिन 275203 

संपर्क ईमेल (Email)

aprajita.smrd@gmail.com

editorial@smrdpgc.in

वेबसाइट (Website)

https://aprajita.wiet.in/

‘अपराजिता’ की उपादेयता: क्यों है यह अनमोल

1. छात्रों के लिए रचनात्मक मंच

यह पत्रिका विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा को अभिव्यक्त करने, विचारों को साझा करने, और स्वयं पर विश्वास विकसित करने का सुअवसर प्रदान करती है।

2. शिक्षकों के विचारों का विस्तार

‘अपराजिता’ शिक्षकों के लिए अपने शोध, अनुभव और नवीन विचारों को वृहत्तर पाठक वर्ग तक पहुँचाने का माध्यम है, जिससे ज्ञान का प्रसार और विचारों का विमर्श संभव होता है।

3. महाविद्यालय की पहचान का दस्तावेज़

यह पत्रिका महाविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता, सांस्कृतिक गतिविधियों और बौद्धिक प्रयासों को दर्शाते हुए उसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक उदात्त पहचान प्रदान करती है।

4. कौशल विकास का साधन

पत्रिका के लेखन, संपादन और प्रकाशन प्रक्रिया में विद्यार्थियों की भागीदारी से उनके भीतर संपादन कौशल, अभिव्यक्ति की क्षमता, विचार संगठन, और टीम वर्क जैसे जीवनोपयोगी गुणों का विकास होता है।

5. सृजनात्मक पहचान का विस्तार

एक समृद्ध, सुसज्जित और स्तरीय पत्रिका महाविद्यालय को रचनात्मक और बौद्धिक केंद्र के रूप में स्थायी पहचान प्रदान करती है, जो उसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गौरव दिलाती है।


‘अपराजिता’ : ज्ञान, सृजन और परंपरा का संगम

‘अपराजिता’ न केवल एक पत्रिका है, यह एक परंपरा है – विचारों की, सृजन की, और जागरूकता की। यह उस दीर्घकालिक बौद्धिक प्रक्रिया का सजीव उदाहरण है, जिसमें हमारी छात्र-छात्राएँ और शिक्षक हर वर्ष नए विचारों, भावनाओं और कल्पनाओं के रंग भरते हैं

यह पत्रिका आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा, वर्तमान पीढ़ी के लिए मंच, और महाविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। इसके माध्यम से ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित होती है और रचनात्मकता के आयाम विस्तृत होते हैं।

अतः ‘अपराजिता’ वास्तव में महाविद्यालय की आत्मा का दर्पण है — वह दर्पण जिसमें प्रतिबिंबित होता है संस्थान का चरित्र, चेतना और चिरंतन चेष्टा